मुंबई: एक तरफ आर्थिक मंदी का दौर है, वहीं दूसरी तरफ कोरोना वायरस के डर से ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री को तगड़ा झटका लगा है। विदेश से होने वाली कार्गो और कंटेनर सप्लाई लगभग बंद होने के बाद रोड ट्रांसपोर्ट बिजनेस भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के अनुसार, 40-45 प्रतिशत वाहन खड़े कर दिए गए हैंइससे प्रतिदिन लगभग 600 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है।
ड्राइवर छोड़ रहे हैं काम
एआईएमटीसी के बल मलकित सिंह के अनुसार, 'सरकार की पॉलिसियों से पहले ही रोड ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री प्रभावित हुई थी। अब कोरोना वायरस के प्रभाव के कारण काम लगभग ठप हो गया है। आधे से ज्यादा ड्राइवर काम नहीं होने की वजह से अपने राज्यों में लौट रहे हैं।' सिंह के अनुसार, कोरोना वायरस से पहले भी आर्थिक मंदी के चलते ड्राइवरों की आजीविका पर असर पड़ा था। अब आयात-निर्यात प्रभावित है, तो ऐसे में छोटे ऑपरेटरों का धंधा ठप पड़ चुका है।
ईएमआई का संकट
गाजियाबाद निवासी किशनलाल जाधव मंबई की एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में बतौर ड्राइवर काम करते हैं। जाधव ने बताया कि छोटी ट्रांसपोर्ट कंपनी होने के कारण उनके मालिक ईएमआई का पैसा नहीं निकाल पा रहे हैं। ऐसे में ड्राइवरों की तनख्वाह का संकट पैदा हो गया है। इसके अलावा रोड टैक्स, परमिट शुल्क, बीमा, टोल के अतिरिक्त भुगतान का खर्चा अलग से है। एक ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर ने बताया कि सरकार को कम से कम 6 ईएमआई का पुनर्निर्धारण कर हजारों छोटे ऑपरेटरों की मदद करना चाहिए। इसी तरह, रोड टैक्स, परमिट फीस, वीमा और टोल के भुगतान में राहत दी जानी चाहिए।